राजस्थान में 'बैक टू वर्क' नामक एक नई योजना शुरू की गई, जो राज्य में निजी क्षेत्र में महिलाओं को नौकरी के अवसर प्रदान करेगी। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के बजट 2021-22 के लिए वित्त और विनियोग विधेयक पर चर्चा के दौरान इसकी घोषणा की।
इस योजना से जिन महिलाओं को व्यक्तिगत या पारिवारिक बाधाओं के कारण अपनी नौकरी छोड़नी पड़ती है, उन्हें कार्यबल में लौटने का अवसर मिलेगा। राज्य सरकार का लक्ष्य अगले तीन वर्षों में 15,000 महिलाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करना है।
विधवाओं, परित्यक्त महिलाओं, हिंसा की शिकार महिलाओं के साथ-साथ तलाकशुदा लोगों को भी प्राथमिकता दी जाएगी।
जो महिलाएं कार्यस्थल पर शारीरिक रूप से शामिल होने में सक्षम नहीं हो सकती हैं, उन्हें दूरस्थ रोजगार के अवसर भी प्रदान किए जाएंगे।
महिला अधिकारिता निदेशालय और सीएसआर संगठनों में सिंगल विंडो सिस्टम भी विकसित किया जाएगा।
योजना के माध्यम से, राज्य सरकार राजस्थान ज्ञान निगम (आरकेसीएल) के माध्यम से कौशल प्रशिक्षण भी प्रदान करेगी।
एक प्रशिक्षण सुविधा विशेष रूप से रीस्किलिंग/अपस्किलिंग के उद्देश्य से समर्पित की जाएगी।
पायलट प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन से आवेदक अपनी पसंद के अनुसार 'महिलाओं' की लक्षित श्रेणी के तहत जॉब पोर्टल पर नौकरियों का पता लगा सकेंगे। इच्छुक महिला उम्मीदवारों को उनके संभावित नियोक्ताओं से जोड़ने के लिए एक सीएसआर संगठन जिम्मेदार होगा।
योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए एक निगरानी समिति का भी गठन किया जाएगा।
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स्रोत: https://www.hrkatha.com/news/rajasthan-government-to-help-women-back-to-work/